नहीं रुकेंगे कदम हमारे, सत्य की राह पर जो निकल पड़े हैं, इंसानियत की आग जलाकर सीने में, मानवता पर विश्वास बनाने निकल पड़े हैं, सहयोगी सदा बने रहेंगे , दूसरों के हदय को प्रफुल्लित हमेशा करते रहेंगे, नहीं रुकेंगे कदम हमारे, जब तक लक्ष्य हासिल ना कर लेंगे!! Challenge 19 - 'नहीं रुकेंगे कदम हमारे' 8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें। विशेष:- आवश्यक सूचना, पोस्ट विषय तथा चुनी गई रचना अब इंस्टाग्राम, फेसबुक पेज व ट्विटर पर भी प्राप्त करें। 🌠 जब आप अपने हृदय में अपने लक्ष्य को सजोये निरंतर बढ़ रहे हों तब पथ में चाहे आँधी आये या तूफ़ान आपके कंपित अधरों से यही निकलता है कि 'नहीं रुकेंगे कदम हमारे'। 🏆 आप सभी की रचनाओं को उचित स्थान दिलाने के लिए हमारी टीम निरंतर प्रयाश कर रही है । आप लोगों की इच्छा अनुसार हमने सोशल मीडिया अकाउंट भी बनवा लिया है ताकि आपलोगों की रचनाएं अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें । आप हमें फॉलो कर सकते हैं लिंक प्रोफ़ाइल पर दी गयी है।