आज बरसों बाद कदम फिर बहके हैं तेरी यादें तेरे शहर में खींच लाई है यूं तो कई बार गुजरे तेरी गलियों से तू नहीं है तो यह गलियां भी अब पराई है ले गया संग अपने रौनक इन गलियों की पर खुशबू तेरी आज भी इन गलियों में समाई है 🎀 Challenge-431 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। #तेरीगलियोंकीख़ुशबू #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़