vbg नजरो की रोशनी चीर के नीकलती है रूह से, बेदाग तरोताजा फुलो की खुशबू बनकर.. मोर की पंखो सी उंगलीया लीख देती है हवा से, यादगार हर लम्हा जिंदगीकी ख्वाईश बनकर.. जिंदगीका जिंदा होता है ये एहसास तेरे होने से, फिर जी उठे तेरी आखो का ख्वाब बनकर.. ©Vinod Ganeshpure #bekhudi #vbgpoemsworld #Nojoto