Happy Janmashtami कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति यदि अपने कार्यालय में जाता है तो उसे सभी आदर-सत्कारपूर्ण व्यव्हार करते हैं. और जब वही व्यक्ति घर जाता है तो उसके निकटतम परिवारजन उसके साथ साधारण व्यक्ति जैसा व्यवहार करते हैं. यहाँ तक की वह व्यक्ति अपने पुत्र या पौत्र को कंधे पर बैठाकर घुमाता है. घरेलु सम्बन्ध, कार्यालय के सम्बन्ध की तुलना में अंतरंग होता है. जैसे व्यक्ति एक ही है पर व्यावहारिक आदान-प्रदान अलग-अलग है. उसी प्रकार भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु एक ही हैं, परंतु वैकुण्ठ में तथा गोलोक वृंदावन में व्यावहारिक सम्बन्ध अलग-अलग हैं.