तेरी हर एक निशानी को मिटाना होगा अब सनम तेरे खत को जलाना होगा डोली तेरी उठ रही है लूट रहा है मेरा प्यार हम ना आएंगे नजर सारा जमाना होगा ©Absar Khan लफ्ज़ लफ्ज़ नश्तर है #PastDay