Read the collaboration in caption pls वो देखो आज फिर धूप खिली है आसमानों में वो देखो घटाओं ने फिर ज़ुल्फ़ें अपनी बिखराई है। खिड़कियों पर से पर्दे हटा कर के तो देखो। ज़िन्दगी किताबों में दर्ज नहीं होती पर खुद एक किताब होती है पढ़ ली जाने को तरसती है