वे किसी बैग़ाने के खातिर हमे छोड कर चले गए, अपनों को बैगानो बाटकर चले गए। फिर भी हम खुश हैं, क्यू की हमने अपनों को अपना ही रखा और गैरो को भी अपना बनाकर चले गए ॥ #Rahulbanait