अब रास नही आता मुझको ,तेरा यूँ मुस्कुराना कभी हँसके पास बुलाना, कभी रूठ कर चले जाना । कभी बक बक करते रहना, कभी गुमशुम सा हो जाना कभी घोर से देखते रहना, कभी खुदसे नजर छुपना । बता मुझे, आख़िर बात क्या है क्यों है परेशान, फरियाद क्या है ? निकाल कर समाधान ,दूर करदेंगे उस कमी को बचेंगे न दुःख ,दूर करदेंगे हर नमी को । #sochne #Lga #Hu