यूँ जो जुल्फ़ें सँवारती हो तुम! दिल में खंजर उतारती हो तुम! चाहिए आईना देखे तुम को! आईना क्यों निहारती हो तुम! होश अपने खो बैठता हूँ मैं! प्यार से जब पुकारती हो तुम! ©चन्दन शर्मा "जाज़िब" मतला दो शेर #sher #ghazal #rekhtafoundation #Rekhtaurdupoetry #hindipoetry #sheroshayari #tum #lovevibes #jaajib #nojoto