मेरी बातों में अक्सर तेरा ज़िक्र करता हूँ, मै अभी भी तेरी बड़ी फिक्र करता हूँ, तेरी यादो की एक संदूक बना रखी है, उसी संदूक में तेरी तस्वीर दबा रखी है, ये सुखी आँखे अब रोने नहीं देती, बस तेरी कुछ बाते सोने नहीं देती, कुछ वादे और मुलाकातें शायद अधूरी हैं, कुछ हमारी अपनी मजबूरी है, रास्तों मे अपने मिलो की दूरी है, ये अधूरी कहानी खुदा की मंजूरी है.... - Amit pal #poembyheart #loveforlife #passionpoetry