यादें कुछ यादों को शब्दों में उतारना चाहती हूं, जो दुनिया छोड़ कर चले गए उनकी यादें कॉपी में उतारना चाहती हूं ना जाने कितने रिश्ते को छोड़कर चले गए जिंदा थे कहां करते थे हर रिश्ता खास होता है मेरे जाने के बाद मेरी शिकायत मत करना कभी फुर्सत हो मुझसे आकर मेरे मुंह पर शिकायत करना ना जाने कब चला जाऊंगा फिर मैं वापस लौट कर ना आऊंगा उनकी बातों को कॉपी में उतारना चाहती हूं खुशी की जो बीते पल थे उनको संजोना चाहती हूं देखो ना वह शख्स का डायरी मेरे हाथ आ गया दिल से आह निकली कुछ दोस्तों के बर्थडे उसमें लिखा था उनकी याद फिर से आ गई काश वो दिल के करीबशख्त फिर से आ जाते उनके साथ बिताए पल फिर से लौट कर आ जाते आंखों में आंसू है उनकी यादों में खोया हूं अपनी डायरी में उनकी कुछ बातें शब्दों में सजोना चाहती हूं काश वह शख्स फिर से आ जाते #poetry ©sapna kumari #poertyयादे