Nojoto: Largest Storytelling Platform

बिन पंगा लेय कुछ मिलत नाहीं, दिल भए तोर शांत ! दुन

बिन पंगा लेय कुछ मिलत नाहीं,
दिल भए तोर शांत !
दुनिया करत है अब त्राहि - त्राहि,
विनती करत हो गई सुबह से शाम !
लाठी उठाव अब सीना तान के,
सब झुकिहें लिहें तोहर नाम !
सनातनी जाम पी ल अब तू,
बनिहे सब बिगड़ी काम!
जीए के बा त,
दिखा द आपन ताम झाम!!
"""""""""""""""""""""""""""
प्रमोद मालाकार
"""""""""""""""""

©pramod malakar
  #बीन पंगा लेय

#बीन पंगा लेय #कविता

292 Views