#बिखर निखर जाएगी समझौता कर ले, बिखर जाएगी ना हठ कर बे; शीशा कहा टिकता गिर कर रे, लड़की जात में जन्म लिया है तू शीशा का टुकड़ा है तू दो घर की लाज है तू बाबुल के दिल का टुकड़ा है जन्म लेती जब तू बाबुल लाड़ लड़ाता है तिनका तिनका कर के तेरे लिए दहेज सजाता है होती है जब तू बड़ी समाज हर कायदा सिखलाता है परिवार का बंधन तुझे रीतियों में कस्ता जाता है निखर जाएगी समझौता कर ले, बिखर जाएगी ना हठ कर बे; दो बसेरा तेरे हवाले तेरे है दो किनारे मझधार में फस जाएगी तू समझौता कर के पार पाएगी तेरी किस्मत चमक जाएगी खुश रहेगी आवाद रहेगी तू खुद को समाज की जंजीरों में कस ले । ©Shivani Jain #sparsh