बहुत खूबसूरत हो तुम है चेहरा तुम्हारा की दिन है सुनेहरा, और उस पर ये काली घटाओं का पहरा, और उस पर ये काली घटाओं का पहरा, गुलाबों से नाज़ुक महकता बदन है, ये लब है तुम्हारे या खिलता चमन है, बिखेरो जो जुल्फें तो शरमाये बादल, ये जाहिद भी देखे तो हो जाये पागल, की पाकिजा मूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम, कभी मै जो कह दूँ मोहब्बत है तुमसे, तो मुझको ख़ुदारा गलत मत समझना, की मेरी ज़रूरत हो तुम, बहुत खूबसूरत हो तुम..