मनुज एक देव है यदि खुद को वह पहचान ले, उसके जैसा कोई नहीं बस इतना यदि वह मान ले। कुछ भी असंभव नहीं सब मनुजता के मग में है, बन जाये पत्थर भी पानी बस मन में यदि वह ठान ले। - दुर्गेश बहादुर प्रजापति मनुज एक देव है...