मेरी खामोशियों को तुम कभी समझ ही न पाए, मेरी झुकते- उठते पलकों की बातों को, तुम कभी समझ ही ना पाए, कहते हो कि मैंने कभी इजहार नहीं किया...! सौ-सौ बार मेरी धड़कने इजहार करती थी बस मेरी धड़कनों की रागिनी को समझ ना पाए...! तुम मुझे समझ नहीं पाए...! #untold love#unfinished story#