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मुक्तक कहीं सरताज होती है, कहीं परवाज होती है

मुक्तक

कहीं सरताज होती  है, कहीं परवाज  होती है 
बदलते रूप धरती की, नहीं मोहताज होती है
कई  सपने दफन  होते, कहीं आज भी  मगर 
यहां हर वास की संसार की आवाज होती है

©Nandan mishra #बेटीहैतोकलहै 
#Nojoto 
#नंदन 

#safarnama
मुक्तक

कहीं सरताज होती  है, कहीं परवाज  होती है 
बदलते रूप धरती की, नहीं मोहताज होती है
कई  सपने दफन  होते, कहीं आज भी  मगर 
यहां हर वास की संसार की आवाज होती है

©Nandan mishra #बेटीहैतोकलहै 
#Nojoto 
#नंदन 

#safarnama