ख़ुशनुमा पल और ये रंगीन नज़ारा छोड़ जाएंगे सफ़र ख़तम मेरा, क़दमों के निशाँ छोड़ जाएंगे जीना है तुम्हें, भूलकर हमें ओ प्यारे महबूब मेरे तेरे वास्ते ये यादों का हसीन सफ़र छोड़ जाएंगे रोना नही यूं हमे याद करके, मोती ये ना बहाना जिए जो साथ-साथ हमने, वह पल छोड़ जाएंगे सफ़र ख़तम मेरा हुआ, आगे जीना है तुम्हें यारा बहती साँस संग तेरे लिए ये खुशबु छोड़ जाएंगे जो छूयेगी हवा तुम्हें ये महका देगी तेरा तन-मन विरह की आग मेें, बूंदे बारिश की ये छोड़ जाएंगे आना तुम हमारे मिलन की 'यादगार' जगह पर ख़्वाहिश मुकम्मल हो सब तेरी दुआ छोड़ जाएंगे ♥️ Challenge-977 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।