रुकसत हो गये वो हमारी ज़िन्दगी से कुछ इस तरहा जैसे सूरज रुकसत हो जाता है कर के निशा मेरे जीवन की काली रात उसके जाने शुरू हुई है वेखबर है वो इस बात से कोई जा कर उसे बता दो जरा