वो पिता होते हैं न दिल खोलकर बातें कर पाते हैं न प्यार जता पाते हैं, वो पिता होते है! करते हैं कोशिश हर तमन्नाओं को पूरा करने की, लेकिन अपनी औकात बच्चों को कहां दिखा पाते हैं, वो पिता होते हैं! सारी जिंदगी लगा देते हैं औलाद की खुशियों को समेटने में पर बच्चों को कहां दिखा पाते हैं, वो पिता होते हैं! न दिल खोलकर खुश हो पाते हैं न अपना दर्द दिखा पाते हैं, वो पिता होते हैं! वो पिता होते हैं