हश्र के दिन मेरी चुप का माजरा कुछ न कुछ तुम से भी पूछा जाएगा मुस्कुरा कर मुंह चिड़ा कर घूर कर जा रहे हो ख़ैर देखा जाएगा ©farhat ##khamoshlab 🤐 Ashraफ Ali (اشرف علی)