विरह अपने दिल के ज़ज्बात हम उन तक पहुँचाते कैसे, उनके बिना ज़िंदगी जी रहे हैं हम जैसे तैसे अपनी विरह वेदना लिख के भेजी है हमने उनको ख़त में, जो हम बयां कर ही नहीं पाए कभी उनसे वैसे हमको है आस कि अब तो जानेंगे वो हमारा हाल-ए-दिल, कभी तो समझेंगे वो हमारे भी हालात निगाहें हमारी टिकी हैं उनकी वापसी की राह पर, इक पन्ने पर लिख दी हैं हमने अपने दिल की हर बात #rztask525 #rzलेखकसमूह #restzone #rzwriteshindi #collabwithrestzone #yqrestzone #yqdidi