जिस तरह आश्मान में घिरे काले बादलो ने मौसम को सुलझा लेने का फैसला किया है ठीक उसी तरह हम भी रिश्तों में पसरी घोर बादलों को सुलझा ले सकते है गर तुम अपना जिद्द और सवालो की गठरी को पीछे ही छोर आगे बढ़ कर अपना हाथ बढ़ाओ, में भी पिछली सारी सिकायतो को भुला कर तुम्हारे साथ एक और कदम बढ़ाना चाहता हूँ, तुम्हे वापस अपना बनाना चाहता हूँ, तुम्हे एक बार फिर उसी सिद्दत से चाहना चाहता हूँ। गुस्से में कोई फैसले नहीं किया जाता, और कुछ फैसले पर पूरी ज़िन्दगी टिकी रहती है तो अब फैसला तुम्हे करना है, सब भूल कर वापस शुरू करना है या फिर वही सवालो की गठरी लिए जिद्द पकड़े रहना। #nojotoquotes #nojototales #nojotoconversation #bewafa #hindiwritings #hindiwriter #thought #quotes #rkrahulrajak