ये सावन के मेघ है सोचो कितना बरसेंगे, अब आग जवाँ है सोचो कितना दहकेंगे।। गुरुर है लोगो में अपने ढलते सूरज होने पर, हम तो उगते सूरज हैं सोचो कितना चमकेंगे।। ©Mr.Akela #life #shayri #jindagi