सील ना जाए कहीं यादों के पन्ने आज आंखों का मौसम कुछ नम सा है। फीके से लगने लगे है दुनियां के नूर ज़िन्दगी के जायके में नमक कुछ कम सा है। ज़रूरत के तराजू में तौले जाते है सपने उम्मीदों का जलता चिराग एक भ्रम सा है । तलाश ए ज़िन्दगी का आलम ये है ढूंढ़ते है खुशियां बस एक यही गम सा है। #mridulawrites #nojoto #nazm