जन्म :शिशु या सृजन जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है जन्म किसी बच्चे का हो या किसी रचना का हो मरना और जीना दोनो साथ मे करना पड़ता है जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है एक बच्चे के जन्म में तो नौ महीनें ही बस इंतजार करना पड़ता है एक रचना के जन्म में तो कई सालों का दर्द समेटना पड़ता है जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है आँसु ,तड़प,बैचेनी से एक देह बनाना पड़ता है भावनाओं की गीली माटी को आकार भी देना पड़ता है रुह का एक टुकड़ा भी फिर उसमें भी जड़ना पड़ता है जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है कुछ टुटे ख्वाबों का कुछ बिखरे अरमानों का आशियां बनाना पड़ता है जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है #OpenPoetry