बेवफाओं की महफिल में, मोहब्बत ए वफा ढूंढता है पागल है दिल, पतझड़ में बारिशों का पता पूछता है हद पार हो गईं धड़कने मेरी, उससे निगाहें जो मिली फ़िर से न मालूम क्यूं दिल, निगाहों की खता पूछता है ©Hem Raj Yadav ✍️ #hryadav #hem_humnava