3. रात भी गुजर गई अब कब पी गई वो मदिरा, अब नीर भी नही मिला, संध्याकाल की लालिमा कहां गई, प्रात:काल का सूरज भी सो गया. सफर में अनजाने थे कहीं, कोई एक हमसफर भी मिला था, रात भी उसके ख्याल में गुजर गई. ©Ankit verma utkarsh❤ collection:- ठंडी धूप third book #roseday