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चंद अल्फा़ज़ में क्या प्यार की वुस्अत लिख दूं । कै

चंद अल्फा़ज़ में क्या प्यार की वुस्अत लिख दूं ।
कैसे सदियों को मैं लम्हात की मुद्दत लिख दूं ।

इससे पहले कोई इल्जा़म् दिले-नादां पे लगे।
या नसीहत भरी बातें कोई फिर हमसे करे ।
दरो-दीवार पर उनवाने - मुहब्बत  लिख दूं ।।

फिर जुदा करने की दुनिया करे तदबीर कोई ।
झूठी इज़्ज़त अना की  भेंट चढ़े  हीर कोई  ।
ज़िंदगी भर मैं तिरे नाम से निस्बत लिख दूं ।।

क्या ख़बर कल मैं ये जज़्बात बयां कर न सकूं ।
बंदिशें हों मैं तुझे अपना गुमां कर न सकूं ।
आज इन अश्कों से जज़्बात की शिद्दत लिख दूं ।। #yqaliem #yqbhaijan #pyarkiwusat # unwane-muhabbat #lamhe #dilenadan
चंद अल्फा़ज़ में क्या प्यार की वुस्अत लिख दूं ।
कैसे सदियों को मैं लम्हात की मुद्दत लिख दूं ।

इससे पहले कोई इल्जा़म् दिले-नादां पे लगे।
या नसीहत भरी बातें कोई फिर हमसे करे ।
दरो-दीवार पर उनवाने - मुहब्बत  लिख दूं ।।

फिर जुदा करने की दुनिया करे तदबीर कोई ।
झूठी इज़्ज़त अना की  भेंट चढ़े  हीर कोई  ।
ज़िंदगी भर मैं तिरे नाम से निस्बत लिख दूं ।।

क्या ख़बर कल मैं ये जज़्बात बयां कर न सकूं ।
बंदिशें हों मैं तुझे अपना गुमां कर न सकूं ।
आज इन अश्कों से जज़्बात की शिद्दत लिख दूं ।। #yqaliem #yqbhaijan #pyarkiwusat # unwane-muhabbat #lamhe #dilenadan