कितना सोचू में तुम्हें , और कब तलक गुनगुनाऊं । अजीब सा खुमार है ये ।। बेहिसाब याद आती हो , लबों पर जैसे चिपक ही जाती हो । ( pratik jangid ) ©Dear diary #lovewriter #writer #Hindi #shayri #instawriters