वो नये जमाने कि लड़की.........।। अगर कभी तुम्हें what's app, Facebook और Instagram वाला प्यार मिल जाए ना तो मुझे बता देना, हम अपनी मुलाकातों को कम कर देंगे। मैं थोड़ा पुराने ख्यालातों वाला इंसान हूॅं, मुझे ये आनलाइन रहना, घण्टों चेटिंग और वीडियो काॅलिंग नहीं आता। अगर मुझसे बात करनी हो तो आना गंगा किनारे, हम चाय पीते-पीते बात करेंगे, यहां ना कोई काॅल ना मैसेज बस हम होंगे और एक नजारा..........। मैं माॅडल जमाने में पुराने ख्याल वाला, ये सोसियल मीडिया के समय में भी मुझे रेडियो में चल रहे वो सदाबहार नगमे अच्छे लगते हैं, जहां आज करोड़ों लोग रेप song सुन रहे हैं वहीं मैं आज भी यहां 'किशोर कुमार और रफ़ी साहब' के गाने में अटका हूॅं। तुम नये जमाने की लड़की, मैं पुराने ख्यालातों वाला लड़का, दिक्कत तो होती ही होगी तुम्हें, कि ये लड़का तो हमारे रिश्ते का ज़िक्र कहीं करता ही नहीं, ना कोई तस्वीर है हमारी साथ में ना ही कहीं जिक्र। ~मै ऐसा ही हूॅं। मुझे ज्यादा तस्वीरें खिंचवाना अच्छा नहीं लगता, लेकिन एक तस्वीर है मेरे पास हमारी, मेरे बटुवे में, कहीं सोसियल साइट में नहीं....। और बात रही हमारे रिश्ते कि तो ये हवा, ये पानी, ये जमीं और ये आसमां और वो सारी जगह जहां हम मिले और मिलते रहेंगे। वो गवाह है कि हम जब भी मिले हम मुस्कुराये। ये चेहरे की मुस्कुराहट गवाह है हमारा रिश्ता इस जहां में सबसे खूबसूरत है।