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दिनभर तन्हा रहते हैं तसल्ली से रात-बेरात आती हैं य

दिनभर तन्हा रहते हैं तसल्ली से
रात-बेरात आती हैं यादें 
तुम्हारी
उलझा के चली जाती हैं #तपस्
दिनभर तन्हा रहते हैं तसल्ली से
रात-बेरात आती हैं यादें 
तुम्हारी
उलझा के चली जाती हैं #तपस्