कविता का विषय मनोरंजन एवं उपदेशपरक होना चाहिए।यमुना के किनारे केलि कौतूहल का अद्भुत वर्णन बहुत हो चुका। चींटी से लेकर हाथी पर्यंत पशु,भिक्षुक से लेकर राजा पर्यंत मनुष्य, बिंदु से लेकर समुद्र पर्यंत जल,अनंत आकाश, अनंत पृथ्वी, अनंत पर्वत सभी पर कविता हो सकती है। -महावीर प्रसाद द्विवेदी