गुमसुदगी का आलम ऐसा है जनाब, आजकल खुद को ही ढूंढ़ रहा हुँ हर जगह, अग़र मिल जाऊँ कहीं किसी मोड़ पर, रख लेना संभाल कर अपनी गिरफ्त में। #गुमसुदा