ख्वाबों को भी अपने जरा तंगी मे जीता है वो.., जानता है जेब की उसके हैसियत क्या है वो.., तपती धूप में ज़ख्म कुरेद कर अपने,,बच्चों को अपना लहू पिलाता है वो.., जानता है घर के हालात उसके क्या हैं वो.., सर्द रातों मे भी नंगा बदन लिए ठिठुरता है वो.., जानता है इक चादर मे सिमटे बच्चों की ठिठुरन उसके क्या है वो.., भूखा रहना फितरत नही,जरूरत है उसकी वो.., जानता है इक निवाले की खातिर तड़पकर भूखे सोना अपनों के उसके क्या है वो.., एक बाप की बेबसी कुछ ऐसी भी... Show your Collab Talent 😍 Here, (Khwaab:- Dreams Jeb:- Pocket)