___भोजपुरी संग्रह ई कइसन मोहबत कर गईलू तू जियते जवनिये में मार गईलू तू ।। नही रोवल बने नही हँसल बनेला ई कइसन बेमारी धरा गईलू तू ।। सपना देखवलू एतना कवने दिनरात के अभिये ले सोचत बानी ओह दिन के बात के ।। की कइसे भुलाई हम अपना प्यार के तू छोड़ चल गइलू पास नौका यार के ।। एक बात सुन ल हमार बहुत पछतइबू जौने दिने याद आईब पास नाही पइबू ।। ___भोजपुरी संग्रह ई कइसन मोहबत कर गईलू तू जियते जवनिये में मार गईलू तू ।। नही रोवल बने नही हँसल बनेला ई कइसन बेमारी धरा गईलू तू ।।