"मेरी पीड़ा मुझसे न पूछो,मैं खुद के घर में दंडित हूँ। मुझे बचाने कोई ना आया, मैं 'कश्मीरी पण्डित' हूँ॥ हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि कश्मीरी नरसंहार को भारत सरकार आधिकारिक रूप से ‘नरसंहार/जेनोसाइड’ कहे, भारत सरकार कश्मीरी हिन्दुओं से आधिकारिक क्षमा माँगे कि उस समय की सरकार ने वो सब नहीं किया जो उसे करना चाहिए था।तो अब कि सरकार करे। में तो कश्मीर के सच को बहुत बारीकी से पड़ा हूं और यकीन मानिए अभी कश्मीर फाइल में सिर्फ 0.5% ही दिखाया गया है।आठ लाख लोगों के परिवारों की विस्थापन की पीड़ा तीन घंटे में नहीं दिखाई जा सकती। एक लड़की के साथ सामूहिक रेप के बाद आरे से चीरने वाले कौन थे? चावल के ड्रम में अप