कुछ तो नूर था उसके चेहरे पे, हर कोई मर मिटने की गुजारिश करता था, मगर जब हमने उसे है हयात-ए-जिंदगी बनाया, जर्रा-जर्रा आजा़र हो गया, कुछ तो नूर था उसके चेहरे पे, हर कोई मर मिटने की गुजारिश करता था, अलग सा अफसून था उसकी निगाहों में, देखें तो थकावट दूर हो जाती थी, उसकी जुल्फों का असर ऐसा था, हर वीरान गुलशन भी खिल जाता था, कुछ तो नूर था उसके चेहरे पे, हर कोई मर मिटने की गुजारिश करता था।। ©Shobhit Bajpai #hayat #Zindagi #afsoon #UnderTheStars