इरादा तो नहीं था मन खोलने का दिल में जो था तुमसे कहने का बढ़ रहे थे मेरे क़दम तुम्हारी तरफ़ इरादा नहीं था तुम्हारी ओर आने का हार बैठी हूँ दिल को तुम्हारे लिये ही इरादा नहीं था तुम्हें यह जताने का दुःखता है दिल तेरी बेरुख़ी पर मेरा इरादा नहीं था तुझे आँसू दिखाने का लाचार हो गयी दिल की लाचारी में इरादा नहीं था तुमसे प्रेम करने का ©️नेहा शर्मा चैलेंज by नवरचना साहित्य पब्लिकेशन्स 👉अपनी रचना मौलिक होनी चाहिये । 👉समय दिन मे 12 बजे तक। 👉Collab बनाकर comment मे done लिखे। 👉एक उम्मीदवार को नवरचना द्वारा विजेता घोषित किया जायेगा। निर्णय भी नवरचना ही करेगा। 👉 जो कोई भी रचना book के रुप मे public करना चाहता है वह कमेंट रचना लिखे हम जब संग्रह हो जायेगा तब book का रुप दे देंगे।( आपकी इच्छा हो तो)