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अब मेरा क्या काम रहा? न ही मुझमें प्राण रहा, अब म

अब मेरा क्या काम रहा?
न ही मुझमें प्राण रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?
न हरियाली ना छांव रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?

सूख गई सब शाखाएं मेरी,
अब मेरा क्या काम रहा?
जीवन अब न साथ रहा , 
अब मेरा क्या काम रहा?

जब तक थी मुझमें जान, 
होता छांव में विश्राम रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?
ठंड में अलाव व अंतेष्ठी में
जलना मेरा काम रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?

            •शिवम दूबे•

©Bazirao Ashish अब मेरा क्या काम रहा?
न ही मुझमें प्राण रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?
न हरियाली ना छांव रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?

सूख गई सब शाखाएं मेरी,
अब मेरा क्या काम रहा?
अब मेरा क्या काम रहा?
न ही मुझमें प्राण रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?
न हरियाली ना छांव रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?

सूख गई सब शाखाएं मेरी,
अब मेरा क्या काम रहा?
जीवन अब न साथ रहा , 
अब मेरा क्या काम रहा?

जब तक थी मुझमें जान, 
होता छांव में विश्राम रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?
ठंड में अलाव व अंतेष्ठी में
जलना मेरा काम रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?

            •शिवम दूबे•

©Bazirao Ashish अब मेरा क्या काम रहा?
न ही मुझमें प्राण रहा, 
अब मेरा क्या काम रहा?
न हरियाली ना छांव रहा,
अब मेरा क्या काम रहा?

सूख गई सब शाखाएं मेरी,
अब मेरा क्या काम रहा?