अब मेरा क्या काम रहा? न ही मुझमें प्राण रहा, अब मेरा क्या काम रहा? न हरियाली ना छांव रहा, अब मेरा क्या काम रहा? सूख गई सब शाखाएं मेरी, अब मेरा क्या काम रहा? जीवन अब न साथ रहा , अब मेरा क्या काम रहा? जब तक थी मुझमें जान, होता छांव में विश्राम रहा, अब मेरा क्या काम रहा? ठंड में अलाव व अंतेष्ठी में जलना मेरा काम रहा, अब मेरा क्या काम रहा? •शिवम दूबे• ©Bazirao Ashish अब मेरा क्या काम रहा? न ही मुझमें प्राण रहा, अब मेरा क्या काम रहा? न हरियाली ना छांव रहा, अब मेरा क्या काम रहा? सूख गई सब शाखाएं मेरी, अब मेरा क्या काम रहा?