Lockdown Poem (read in caption) वीरान हो गए है शहर हमारे वो बीते दिन याद आते है, रेलगाड़ी की आवाज़ और वो लोगों की गपशप याद आती है साथी है पर हाथ मिलाने के लिए कोई पास नहीं है हमारे हां, वीरान हो गए है शहर हमारे वो बीते दिन याद आते है बच्चे है और मैदान भी, पर हर वक़्त खेलने को मैदान पुकारते है