ये जो काग़ज़ का टुकड़ा हैं इस पर मैं अपने सारे हालात सारे ज़ज्बात लिख दूँगा मत सता यार मुजे इतना :² उठा ली कलम तो तुम्हारी औकात लिख दूँगा...? ©Rashid MoMeen Rashid MomeeN #Books