इज़हार मेरी इजहार को तुने ठुकरा दिया, बेवफा मेरे प्यार के दिये को तुने बुझा दिया मेरी दर्द के वो सिलसिले आज फिर चोट खाई है मेरे होने से कुछ टीस है उन्हे क्योकिं मेरे दरवाजे पे किसी की बारात आई है उसी ने आज इजहारे रात लाई है। ©madhurendra kumar #dilkibaa #शायरबदनाम