भय नहीं है मृत्यु का, अडिग अब पथ पे चला, तुफां दर्द का जो था, कांटे बिछाये यूं खड़ा, आग का दरिया है, पार कर जाना था, जलने का भय नही, मृत्यु तो निशाना था, अक्स में वो शख्स है जीत पर जो सवार था बादलों सा झूमकर, बरसने को तैयार था, स्याह कितनी रात थी, टूट पड़ने को तैयार है, पर वो उसका जोश है सूरज सा उसमे तेज़ था, ये तो बस शुरुआत थी जीत उसपे सवार थी, भय नहीं है मृत्यु का, अडिग अब पथ पे चला motivation... #nojoto#poem#of#courage#utho#jago#or#lakhya#pr#jakr#ruko😊