एक भी काम की न निकली, हाथ भरा पड़ा है मेरा, बेमतलब की लकीरों से..! ©Anant Nag Chandan एक भी काम की न निकली, हाथ भरा पड़ा है मेरा, बेमतलब की लकीरों से..!