*📝“सुविचार"*📝 🖋️*“17/12/2020”*🖋️ 🌟✨ *“गुरुवार”*✨🌟 *“आलोचना” जीवन में आपके होती रहती है* *और उससे भी अधिक आवश्यक है आपके ये “निर्णय",* *“निर्णय" कि ये आलोचना किस स्थान पर होती है ?* *यदि ये “सार्वजनिक” रूप से होती है तो ये “अपमान” बन जाती है* *और यदि ये “एकांत” में होती है तो “परामर्श” कहलाती है* *यदि आप किसी में “सुधार" चाहते है पर आपको लगता है* *कि “आलोचना” आवश्यक है* *तो “समय”,“स्तिथि” और “ध्यान” इन तीनों पर “ध्यान” दिजिए,* *अन्यथा ये “आलोचना” आपको बहुत “महंगी” पड़ सकती है...* *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖋️*“17/12/2020”*🖋️ 🌟✨ *“गुरुवार”*✨🌟 #आलोचना #निर्णय