लो लटका दिए मैंने अपने सुनहरे सपने को फांसी पर । रोक दिए उन अल्फाजो को जो मेरी कभी परवाज़ होती थी। गला घोटा मैंने बेदर्दी से उन आवाजों का और उस लाश को दफना आया सपनो की दुनिया में जहां की चिखे खुद के सिवा किसी दूसरे को सुनाई नहीं देती । iD-@mere_dilo_ki_dastan दूसरे को सुनाई नहीं देती। . .अल्फ़ाज़=शब्द,परवाज़=उड़ान,बेदर्दी=कठोरता(जिसको दर्द का आभास नहीं होता),दफनाना =गाड़ना । . .#hindipoetry #urdupoetry #poetry #bedardishayari .#gopalpatel