सहस्त्रों बाधाये आ जाये , या सूर्य अस्त हो जाये । नही मैं तिनका जो उड़ जाऊ , ना, मैं बाधाओ से घबराऊँ । हर अस्त के पश्चात , सूर्य उदित होगा , हर बाधा पार , भविष्य मुदित होगा । सहस्त्रो प्रयास , अनवरत करूँगा , लक्ष्य भेद ही धीरज धरूँगा । सहस्त्रों बाधाये आ जाये , या सूर्य अस्त हो जाये । #चलाचल