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बुन्दे सलाखें हो जैसे कैद कर रख दिया है,घर से निकल

बुन्दे सलाखें हो जैसे कैद कर रख दिया है,घर से निकलने की तमन्ना थी मेरी बारिश ने घर से निकलने ना दिया है....श्रीशायर
बुन्दे सलाखें हो जैसे कैद कर रख दिया है,घर से निकलने की तमन्ना थी मेरी बारिश ने घर से निकलने ना दिया है....श्रीशायर