कैसी ये प्यास है किसकी तलाश है? मेरे "खुलुस" की गहराई , तो इतनी है , की "दुश्मन"भी मेरा , ज़ानाजा,देख ना पाएगा, शमशीर भी ,खुद , दुआ करेगी उसकी, वो भी आंसू रोक ना पाएगा ।। और सभी ,"कुनबे"आएंगे , मेरी कब्र पर,सजदा करने , शायद होगी मिसाल ,"मोहब्बत की । "जोगा"ना हिन्दू,ना सिक्ख, ना ईसाई,ना मुसलमान, जोगा, मुरशिद ने बनाया , हमें ,बस इन्सान , ,आशिक,"काफ़िर, जोगा गुलाम" #RAM_RAHIM,#dr.#ramrahim